रतन टाटा जी परिवार को कितना जानते हैं आप?

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दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का 9 अक्टूबर को 86 साल की उम्र में निधन हो गया.

रतन टाटा उद्योग जगत के वो नाम हैं जिनकी विरासत अमिट हो गई है.

टाटा ग्रुप का आज से ही नहीं बल्कि दशकों से बाजार में वर्चस्व रहा है.

रतन टाटा उसी परिवार की एक कड़ी थे. आइए जानते हैं रतन टाटा और उनके परिवार के बारे में.

जमशेदजी टाटा (1839-1904)

जमशेदजी नुसीरवानजी टाटा

जमशेदजी नुसीरवानजी टाटा

आज के टाटा ग्रुप को जमशेदजी नुसीरवानजी टाटा ही साल 1870 में अस्तित्व में लेकर आए थे.

वह नुसीरवानजी टाटा और कावसजी के पुत्र थे. उन्होंने टेक्सटाइल, पावर, विज्ञान, स्टील और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में निवेश किया था.

जमशेदजी टाटा का विवाह हीराबाई डाबू से हुआ था. उनके तीन बच्चे हुए, जिनके नाम दोराबजी टाटा, धुनबाई टाटा और रतनजी टाटा थे.

सर दोराबजी टाटा

टाटा एंड संस

टाटा परिवार का एक फ़ैमिली पोर्ट्रेट

सर दोराबजी टाटा, जमशेदजी टाटा के सबसे बड़े बेटे थे. सर दोराबजी टाटा ने अपने भाई सर रतनजी टाटा के साथ मिलकर टाटा ट्रस्ट और टाटा स्टील की नींव रखी थी.

उनका विवाह 14 फरवरी, 1898 को लेडी मेहरबाई टाटा से हुआ.

सर दोराबजी टाटा को ब्रिटिश इंडिया में उनके औद्योगिक योगदान के लिए साल 1910 में नाइट की उपाधि से सम्मानित किया गया.

साल 1920 में सर दोराबजी टाटा ने अपने खर्चे पर भारतीय खिलाड़ियों को ओलंपिक में भेजा था.

लेडी मेहरबाई टाटा (1879- 1931)

लेडी मेहरबाई टाटा

लेडी मेहरबाई टाटा (फ़ाइल फ़ोटो)

लेडी मेहरबाई टाटा, सर दोराबजी टाटा की पत्नी थीं.

टाटा ट्रस्ट्स के मुताबिक, जब टाटा कंपनी संकट के दौर से गुजर रही थी, तब उन्होंने अपने बेशकीमती हीरों को गिरवी रखकर, टाटा कंपनी की डूबती हुई नाव को बचाया था.

टाटा ट्रस्ट्स के मुताबिक़ बाल विवाह रोकथाम कानून बनाने में उनकी अहम भूमिका थी. यह कानून साल 1929 में बनाया गया, जिसे शारदा एक्ट के तौर पर जाना जाता है.

ट्रस्ट्स के मुताबिक़ यह कानून बनाते वक्त ना सिर्फ लेडी मेहरबाई टाटा की सलाह ली गई बल्कि उन्होंने भारत के साथ-साथ विदेश में भी इसका प्रचार किया.

सर रतनजी टाटा (1871-1918)

टाटा परिवार

रतन टाटा के दादा का नाम सर रतनजी टाटा था. वे जमशेदजी टाटा के दूसरे बेटे थे. इन्होंने दो विवाह किए थे. इनका पहला विवाह लेडी नवाज़बाई से हुआ था.

सर रतनजी टाटा, साल 1928 से 1932 के बीच टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे. सर रतनजी टाटा और नवाज़बाई की अपनी कोई औलाद नहीं थी.

इन दोनों ने नवल टाटा को गोद लिया था जो रतन टाटा के पिता थे.

सर रतन जी टाटा ने दूसरा विवाह एक फ्रेंच महिला सुजैन ब्रियर से किया.

उनके दूसरे विवाह से उन्हें एक पुत्र हुआ, जिनका नाम जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा था, जो जेआरडी टाटा के नाम से मशहूर थे.

लेडी नवाज़बाई टाटा (1877 – 1965)

लेडी नवाज़बाई, सर रतन जी टाटा की पहली पत्नी और रतन टाटा की दादी थीं. 1925 में वे टाटा सन्स बोर्ड की पहली महिला डायरेक्टर बनीं.

जब वे रतन टाटा ट्रस्ट की चैयरमैन बनीं, तो उन्होंने पिछड़े वर्ग से आने वाली महिलाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट की शुरुआत की. इसे साल 1926 में रतन टाटा इंस्टीट्यूट में बदल दिया गया.

टाटा ट्रस्ट्स के मुताबिक, अपने जीवनकाल में उन्होंने अपने कई घरों को दान कर दिया था.

नवल टाटा (1904- 1989)

नवल टाटा, सर रतन जी टाटा और लेडी नवाज़बाई के गोद लिए हुए पुत्र और रतन टाटा के पिता थे.

नवल टाटा ने भी दो विवाह किए थे, इनकी पहली पत्नी का नाम सूनी टाटा था और उनकी दूसरी पत्नी एक स्विस महिला थी जिनका नाम सिमोन दुनोयर था.

नवल टाटा और उनकी पहली पत्नी सूनी टाटा के दो पुत्र हुए थे, जिनका नाम उन्होंने रतन और जिम्मी रखा था.

वहीं दूसरी पत्नी सिमोन दुनोयर का एक पुत्र था, जिनका नाम नोएल टाटा था.

साल 1930 में नवल, टाटा ग्रुप में शामिल हुए थे. उन्होंने लेबर वेलफ़ेयर के लिए काफी काम किया और रतन टाटा ट्रस्ट को भी वही संभालते थे.

साल 1946 में वे इंडियन हॉकी फ़ेडरेशन के अध्यक्ष भी रहे.

जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा (1904 – 1993)

जेआरडी टाटा

जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा (जेआरडी), सर रतन टाटा और सुजैन ब्रियर के पुत्र थे.

जेआरडी को उनके नज़दीकी लोग जेह कहकर पुकारते थे.

साल 1925 में उन्होंने टाटा ग्रुप के साथ अपने सफर की शुरुआत एक इंर्टन की तौर पर की थी.

जेआरडी जहाज़ उड़ाने के लिए पायलट का लाइसेंस पाने वाले पहले भारतीय थे.

साल 1932 में जेआरडी ने टाटा एयरलाइंस की स्थापना की, जो कि बाद में एयर इंडिया के नाम से जानी गई.

रतन टाटा (1937- 2024)

रतन टाटा

रतन टाटा का पूरा नाम रतन नवल टाटा था. वे नवल टाटा और सूनी टाटा के पुत्र थे.

उनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ. रतन सिर्फ़ 10 साल के थे जब उनके माता-पिता के बीच तलाक़ हो गया.

जब रतन 18 वर्ष के हुए तो उनके पिता ने एक स्विस महिला सिमोन दुनोयर से शादी कर ली और उनकी माता ने तलाक़ के बाद सर जमशेदजी जीजीभॉय से विवाह कर लिया.

रतन को उनकी दादी लेडी नवाज़बाई टाटा ने पाला. साल 1962 में रतन टाटा ने जमशेदपुर में टाटा स्टील में काम करना शुरू किया.

रतन टाटा मशहूर उद्योगपति तो थे ही लेकिन उनकी सादगी के लिए भी उन्हें जाना जाता था.

जिमी नवल टाटा

जिमी टाटा, नवल टाटा और सूनी टाटा के पुत्र हैं और रतन टाटा के छोटे भाई हैं.

जिमी टाटा भी एक सामान्य जीवन जीते है. वे मुंबई के कोलाबा के दो बेडरूम वाले फ्लैट में रहते हैं.

लेकिन टाटा ग्रुप में उनकी भी हिस्सेदारी है. उन्होंने भी रतन टाटा की तरह शादी नहीं की है.

नोएल टाटा

नोएल टाटा

नोएल टाटा ट्रेंट और टाटा इनवेस्टमेंट कॉर्पोरेशन के चेयरमैन हैं.

नोएल टाटा, नवल टाटा और सिमोन टाटा के पुत्र है और रतन नवल टाटा के सौतेले भाई हैं.

‘द हिंदू'[ के मुताबिक, नोएल टाटा अभी टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड, ट्रेंट, वोल्टाज और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन हैं.

वे टाटा स्टील और टाइटन कंपनी लिमिटेड के वाइस चेयरमैन भी हैं.

वे टाटा ग्रुप के साथ 40 सालों से जुड़े हुए हैं. वे सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रट के ट्रस्टी भी हैं.

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author

Pradeep kumar

i am Pradeep kumar . from bihar. my hobby blogging.

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