BPSC Normalisation or Not : पटना में बीपीएससी कार्यालय के बाहर छात्रों ने प्रदर्शन किया। पुलिस ने लाठीचार्ज किया। 70वीं बीपीएससी परीक्षा 13 दिसंबर को होगी। 4 लाख 80 हजार अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होगा। आयोग ने यह स्पष्ट किया है। छात्र एक ही पाली में परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं।पटना: बिहार की राजधानी पटना में BPSC परीक्षा के नॉर्मलाइजेशन को लेकर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। यह प्रदर्शन 70वीं BPSC परीक्षा से पहले हुआ, जो 13 दिसंबर को 925 केंद्रों पर 4.8 लाख अभ्यर्थियों के लिए आयोजित होगी। छात्रों की मुख्य मांग ‘वन शिफ्ट-वन एग्जाम’ की है, जबकि BPSC सचिव ने नॉर्मलाइजेशन की बात को अफवाह बताया है।
BPSC की परीक्षा को लेकर हंगामा
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं परीक्षा को लेकर पटना में बवाल मच गया। परीक्षा 13 दिसंबर को होनी है, जिसमें करीब साढ़े चार लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे। परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू होने की अफवाह के बीच छात्रों ने BPSC कार्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। छात्रों की मांग है कि परीक्षा एक ही शिफ्ट में हो, जिसे ‘वन शिफ्ट-वन एग्जाम’ कहा जा रहा है। BPSC सचिव ने हालांकि नॉर्मलाइजेशन लागू होने की बात को अफवाह करार दिया है।
समझिए, क्या होता है नॉर्मलाइजेशन
70वीं BPSC प्रारंभिक परीक्षा 13 दिसंबर 2024 को राज्य के 925 केंद्रों पर आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा के लिए लगभग 4.8 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जानी है, जिसके कारण नॉर्मलाइजेशन की चर्चा शुरू हो गई है। नॉर्मलाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा विभिन्न पालियों में आयोजित परीक्षाओं के अंकों को सामान्यीकृत किया जाता है। यह प्रक्रिया तब अपनाई जाती है जब परीक्षा अलग-अलग पालियों में होती है और प्रश्न पत्रों का कठिनाई स्तर अलग-अलग होता है। छात्रों का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन से उनके अंकों पर असर पड़ेगा और मेरिट लिस्ट में उनका स्थान नीचे चला जाएगा। उन्होंने आयोग से मांग की है कि परीक्षा एक ही पाली में आयोजित की जाए ताकि नॉर्मलाइजेशन की जरूरत ही न पड़े।
नॉर्मलाइजेशन की बात सिर्फ अफवाह- BPSC
BPSC सचिव सत्य प्रकाश शर्मा ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ अफवाह है और कुछ लोग आयोग को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि परीक्षा में चार अलग-अलग रंगों के प्रश्न पत्रों का इस्तेमाल किया जाएगा, लेकिन सभी सेट अलग-अलग होंगे। हालांकि, परीक्षा में किसी एक ही सेट का इस्तेमाल किया जाएगा। उनका कहना है कि कुछ लोग आयोग को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
अब समझिए नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया
नॉर्मलाइजेशन एक सांख्यिकीय प्रक्रिया है जिसका उपयोग विभिन्न पालियों में आयोजित परीक्षाओं के अंकों को सामान्यीकृत करने के लिए किया जाता है। मान लीजिए कि एक परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जाती है। पहली पाली का पेपर दूसरी पाली के पेपर की तुलना में कठिन है। ऐसे में पहली पाली में बैठने वाले छात्रों को कम अंक मिलेंगे, जबकि दूसरी पाली में बैठने वाले छात्रों को अधिक अंक मिलेंगे। नॉर्मलाइजेशन के द्वारा पहली पाली के छात्रों के अंकों को बढ़ाया जाएगा ताकि उन्हें दूसरी पाली के छात्रों के बराबर लाया जा सके। हालांकि Bihar Public Service Commission ने साफ कर दिया है कि आयोग की परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन की बात अफवाह है।